As an alternative to throwing them about the junkyard we have to find out how we are able to repair, reuse and recycle our issues so as to reduce …
As we embark with a literary odyssey, we dig into your enchanting planet of Hindi fiction publications, celebrating the brilliance of storytellers who have crafted tales that transcend time and space. Through the eloquence of Premchand’s poignant realism to the modern-day Hindi poetry by Harivansh Rai Bachchan, Hindi literature has repeatedly progressed, captivating audience with its capacity to mirror Modern society and articulate the complexities on the human soul.
हरिशंकर परसाई: हिंदी के महान व्यंग्यकार जिन्होंने अपने समकालीन लेखकों को भी नहीं बख़्शा
मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह
माँ को अपने बेटे, साहूकार को अपने देनदार और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवत-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे सुदर्शन
रास्ते में उसे गोलू के जेब से गिरी हुई टॉफी मिल गई। रानी के भाग्य खुल गए। उसे भूख लग रही थी और खाने को टॉफी मिल गया था। रानी ने जी भर के टोपी खाया अब उसका पेट भर गया।
In like with all factors sluggish and silent, she will be able to normally be located searching for quiet corners that has a glass of wine in hand. Other loves consist of very little, inconsequential factors, like neatly tucked-in bedsheets and large, major things, like full cheesecakes. She desires of getting a baker and crafting about food sometime.
वह इस समय दूसरे कमरे में बेहोश पड़ा है। आज मैंने उसकी शराब में कोई चीज़ मिला दी थी कि ख़ाली शराब वह शरबत की तरह गट-गट पी जाता है और उस पर कोई ख़ास असर नहीं होता। आँखों में लाल ढोरे-से झूलने लगते हैं, माथे की शिकनें पसीने में भीगकर दमक उठती हैं, होंठों कृष्ण बलदेव वैद
किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा check here कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे
इमेज कैप्शन, मन्नू भंडारी ने 'यही सच है', 'अकेली' और 'मैं हार गई' जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ लिखीं.
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश
Picture: Courtesy Amazon A like story influenced because of the Sikh riots of 1984, this Hindi fiction e-book is about its protagonist Rishi, who turns into a rioter himself even though conserving a Sikh loved ones from riots. To understand how enjoy survives and trumps most tricky circumstances, one has to operate from really like with the Main of his being. The story begins with how Rishi, an orphan, and his landlord Mr. Chhabra’s daughter Manu.
वह इतना सुधर गया था , गली में निकलने वालों को परेशान भी नहीं करता।
एक दिन की बात है, दोनों खेल में लड़ते-झगड़ते दौड़ रहे थे।